इनफ्लूएंजा वाइरस: इनफ्लूएंजा फ्लू भी कहते है, यह एक वायरस संक्रामक श्वसन रोग है जो नाक, गले और फेफड़ों को प्रभावित करती है फ्लू वायरस पक्षियों, जानवरों or इंसानो के श्वसन तंत्र को संक्रमित करता है यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है ज्यादातर मामलों मे इनफ्लूएंजा अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन कुछ मामलों मे यह गंभीर रूप भी ले सकता हैं और प्रभावित व्यक्ति की स्थिति हो सकती हैं
इनफ्लूएंजा (फ्लू) क्या है:
य़ह वायरस संक्रमण हैं जो आपकी नाक, गले और फेफड़ों को प्रभावित करती हैं यह अक्सर एक समान्य सर्दी के साथ भ्रमित होता हैं हालांकि यह एक अलग स्थिति है जो समान्य सर्दी से अधिक गंभीर है
अधिकांश व्यक्तियों में फ्लू के लक्षण लगभग एक से दो सप्ताह तक रहते हैं उसके बाद रोगी स्वस्थ्य हो जाता है, अन्य वायरस श्वसन संक्रमण (जैसे जुकाम) की तुलना में फ्लू संक्रमण में व्यक्ति ज्यादा गंभीर रूप से बीमार होता है इस वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की मृत्यु दर का आकड़ा लगभग 0.1% है
फ्लू कैसे होता है:
फ्लू एक अत्यधिक संक्रमक बीमारी है य़ह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर या उसके छींकने या खांसने पर फैलती है साँस के माध्यम से या चुंबन के द्वारा ये वायरस हमारे शरीर में जा सकता है चांदी के बर्तन, दरवाजे, हैंडल, टीवी रिमोट ,कम्प्यूटर कीबोर्ड और टेलिफोन जैसे सामानों में आ सकते है ये वायरस हमारे शरीर में तब प्रवेश करते है जब हम अपने हाथो से नाक, आँख और मुह को स्पर्श करते है
सर्दियों में फ्लू के फैलने के कारण:
इसके निम्न कारण हो सकते हैं
- सर्दियों में वायरस लंबे समय तक जीवित रहते है क्योंकि बाहर की तुलना में अंदर की हवा में कम नमी होती है
- जब ये जीवित रूप मे हवा में होते है तो उस दौरान साँस के माध्यम से हमारे शरीर में आसानी से चले जाते है साथ ही आँख, नाक, or मुह के संपर्क में आसानी से आ जाते है
- सर्दियों के मौसम में हम अधिकतर समय घर के अंदर ही बिताते है और एक-दूसरे के संपर्क में ज्यादा रहते हैं ये स्थिति वायरस के आसानी से फैलने में सहायक होती है
फ्लू के लक्षण क्या है:
एक सामान्य सर्दी के विपरीत, फ्लू के लक्षणों की शुरुआत अचानक और गंभीर होती है फ्लू के लक्षण हैं
- बहती या बंद नाक
- बुखार और ठंड लगाना
- छींक आना
- गला खराब होना
- मांसपेशियों में दर्द
- पसीना
- सांसो की कमी
- सिरदर्द और आँखों में दर्द
- सूखी और लगातार खांसी
- थकान
- उल्टी और दस्त (बच्चों में अधिक आम)
फ्लू के लिए वैक्सीन :
मौसमी फ्लू के लिए आप हर साल वैक्सीन लगवा सकते हैं यह डॉक्टर के पास आसानी से उपलब्ध होती है वैसे भारत मे मौसमी फ्लू से बचने के लिए वैक्सीन का प्रचलन नहीं है लेकिन यदि आप जागरूक है तो मौसमी फ्लू के लिए अपने डॉक्टर से वैक्सीन ले सकते हैं यूरोपीय देशों मे मौसमी फ्लू के लिए लोग पहले से ही वैक्सीन को ट्राईवैलेंट वैक्सीन के नाम से जाना जाता है
फ्लू का इलाज:
फ्लू एक वायरस की वज़ह से होता है फ्लू के दौरान एंटीबायोटिक्स तब तक कोई असर नहीं कर सकते जब तक हमारे शरीर में बैक्टीरिया, के कारण कोई अन्य बीमारी नहीं हो जाती है एंटी वायरस जैसे ओसेल्टामिविर और जानामवीर को कुछ परिस्तिथियों में निर्धारित किया जा सकता है
दर्द निवारक दवाये फ्लू के कुछ लक्षणों को कम कर सकता है जैसे सिर दर्द, बदन दर्द एस्पिरिन जैसी दर्द निवारक दवा को 12 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं देना चाहिए
फ्लू के. दौरान कुछ सावधानियां बरते :
- घर पर रहे
- जितना हो सके, लोगों के संपर्क में आने से बचे
- गर्म रहने की कोशिश करे और जितना हो सके आराम करे
- अधिक मात्रा मे तरल पदार्थों का सेवन करे
- शराब का सेवन न करे
- धूम्रपान न करे
- थोड़ा भोजन जरूर खाए
अगर आप अकेले रहते हैं तो किसी पड़ोसी ,मित्र या रिश्तेदार को जरूर बता दें कि आपको फ्लू है ताकि वह समय-समय पर आप पर नजर रख सके!